अगर आप डेटा संचार या Data Communication in Hindi के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते है और खोज रहे हो डाटा कम्युनिकेशन क्या है तो आपको इस लेख में पूरी जानकारी मिलेगी।
आज के इस लेख में हम डाटा कम्युनिकेशन क्या है, डेटा संचार के लाभ क्या है, संचार चैनल के प्रकार कितने है, और भी बहुत सारी जरूरी पता होनी चाहिए इस इंटरनेट की दुनिया और कंप्यूटर के युग में उन सब के बारे में जानकारी आपको देने वाले हैं। सबसे पहले हम जानते है What Is Data Communication in Hindi?

Table of Contents
डाटा कम्युनिकेशन क्या है? (What Is Data Communication in Hindi)
डेटा संचार (Data Communication) दो या दो से अधिक कम्प्यूटर केन्द्रों के बीच डिजिटल या एनालॉग डेटा का स्थानान्तरण है, जो आपस में संचार चैनल से जुड़ा होता है। इसे ही हम डेटा संचार (Data Communication) कहते है।
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डेटा संचार के लाभ (Benefits of data communication in hindi)
अगर हम डाटा कम्युनिकेशन Benefits की बात करें तो मुख्य रूप से हमे 5 तरह के लाभ होते है डेटा संचार से जैसे:
- डेटा को भौतिक रूप (Physical) से भेजने में तथा डेटा तैयार करने में लगने वाले समय की बचत।
- आधुनिक कम्प्यूटर के प्रोसेसिंग शक्ति तथा संग्रहण क्षमता का पूर्ण उपयोग।
- फाइल से सूचनाओं की तीव्र प्राप्ति।
- फाइलों के नकल से बचाव तथा शुद्धता।
- कम खर्च में डेटा का आदान-प्रदान।
संचार चैनल के प्रकार (Types of Transmission Channel in Hindi)
संचार चैनल मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं इन्हें ही हम डेटा संचार के प्रकार कहते है। इन्हे हम विस्तार से जानेगे:
1. सिम्पलेक्स चैनल (Simplex Channel)
इसमें डेटा का प्रवाह हमेशा एक ही दिशा में होता है। जैसे- रेडियो स्टेशन से रेडियो सिग्नल श्रोताओं के पास पहुँचता है, पर श्रोता वापस उन्हें रेडियो स्टेशन स्थानांतरित नहीं कर सकता है। सिग्नल एक ही दिशा में अर्थात् ‘A’ से ‘B’ की ओर जाता है।
2. अर्द्ध डुप्लेक्स चैनल (Half Duplex Channel)
इस चैनल में डेटा का प्रवाह दोनों दिशाओं में होता है। परन्तु एक समय में किसी एक हीदिशा में डेटा का प्रवाह होता है, अर्थात् ‘A’ से ‘B’ या ‘B’ से ‘A’ की ओर । जैसे- टेलीफोन लाइन।
3. पूर्ण डुप्लेक्स चैनल (Full Duplex Channel)
इस चैनल में डेटा का प्रवाह दोनों दिशाओं में एक साथ हो सकता है। एक ही समय में टा’A’ से ‘B’ की ओर तथा ‘B’ से ‘A’ की ओर आ जा सकता है।
इन्फॉर्मेशन ट्रांसफर स्पीड (information Transfer Speed) क्या है?
इन्फॉर्मेशन ट्रांसफर स्पीड को बिट्स और बॉड (Bits and Bauds) रेट से मापा जाता है। एक सेकंड में स्थानांतरित बिट्स की गति को बिट रेट कहते हैं। एक सेकंड में सिग्नल के अवस्था में परिवर्तन कितनी बार होता है इसे बॉड रेटकहते हैं।
डाटा कम्युनिकेशन माध्यम (Data Communication Medium) क्या है?
एक कम्प्यूटर से टर्मिनल या टर्मिनल से कम्प्यूटर तक डाटा के प्रवाह के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे कम्युनिकेशन लाइन या डेटा लिंक कहते हैं।
डाटा कम्युनिकेशन माध्यम के प्रकार
1. स्टैन्डर्ड टेलीफोन लाइन
यह व्यापक रूप से उपयोग होने वाला डेटा कम्युनिकेशन माध्यम है। इसके ज्यादा प्रभावी रूप से उपयोग होने का कारण यह है कि इसे जोड़ना सरल है तथा बड़ी मात्रा में टेलीफोन केबल लाइन उपलब्ध हैं। ये दो ताँबे के तार होते हैं जिनपर कुचालक की एक परत चढ़ी होती है।
2. को-एक्सियल केबल
यह उच्च गुणवत्ता के संचार माध्यम है। ये जमीन या समुद्र के नीचे से ले जाये जाते हैं। को-एक्सियल केबल के केन्द्र में ठोस तार होता है जो कुचालक से चारों तरफ घिरा रहता है। इस कुचालक के ऊपर तार की जाली बनी होती है, जिसके ऊपर कुचालक की परत होती है। ये टेलीफोन तार की तुलना में महँगा होता है, पर अधिक डेटा कम्युनिकेशन की क्षमता होती है। इसका उपयोग केबल टीवी नेटवर्क तथा कम्प्यूटर नेटवर्क में किया जाता है।
3. माइक्रोवेव ट्रांसमिशन या इनफ्रारेड ट्रांसमिशन
इस सिस्टम में सिग्नल खुले जगह से होकर रेडियो सिग्नल की तरह संचारित किये जाते हैं। यह स्टैन्डर्ड टेलीफोन लाइन तथा को एक्सियल केबल की तुलना में तीव्र गति से संचार प्रदान करता है। इस सिस्टम में डेटा सीधी रेखा में गमन करती है तथा एन्टिना की आवश्यकता होती है।
लगभग 30 मीलों पर रिले स्टेशन की जरूरत होती है। लम्बी दूरी सिग्नल भेजने के लिए सिग्नल को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर विस्तार कर (Amplified) भेजा जाता है। यह बैंडविड्थ अच्छा प्रदान करता है पर वर्षा, धूल, बर्फ, बादल अर्थात् खरा वातावरण से प्रभावित होता है। इसका उपयोग टेलीविजन प्रसारण तथा सेलुलर नेटवर्क होता है।
4. उपग्रह संचार
उपग्रह संचार तीव्र गति के डेटा संचार का माध्यम है। यह लम्बी दूरी के संचार के लिए आदर्श माना जाता है। अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह को जमीन पर स्थित स्टेशन से सिग्नल भेजा जाता है। उपग्रह उस सिग्नल का विस्तार कर दूसरे जमीनी स्टेशन को जो हजारों मील दूर अवस्थित होता है, पुनः भेजता है। इस सिस्टम में विशाल डेटा का समूह तीव्र गति से अधिकतम दूरी तक भेजा जा सकता है। इसका उपयोग उपग्रह फोन, टीवी तथा इंटरनेट के लिए होता है।
5. प्रकाशीय तंतु संचार
प्रकाशीय तंतु एक नई तकनीक है जिसने धातु के तारों और केबल के जगह पर विशिष्ट प्रकार के ग्लास या प्लास्टिक के तंतु का उपयोग डोटा संचार के लिए किया जाता है। ये धातु की तुलना में काफी हल्की, आकार में कम तथा तीव्र गति से डेटा संचारित करने में सक्षम है। यह शोर कम तथा बैंडविड्थ अधिक प्रदान करता है। इसका उपयोग टेलीकम्युनिकेशन और नेटवर्किंग के लिए होता है। यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) के सिद्धान्त पर कार्य करता है। यह रेडियो आवृति अवरोधों से मुक्त होता है।
नेटवर्क (Network) क्या है?
Network आपस में एक दूसरे से जुड़े कम्प्यूटरों का समूह है। जो एक दूसरे से संचार स्थापित करने तथा सूचनाओं, संसाधनों को साझा इस्तेमाल करने में सक्षम होते हैं। जैसे—प्रिंटर इत्यादि| किसी भी नेटवर्क को स्थापित करने के लिए प्रेषक, प्राप्तकर्ता, माध्यम तथा प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। विश्व का प्रथम कम्प्यूटर नेटवर्क ARPANET है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने जाना की Data Communication क्या है इन हिंदी। उसके बाद हमने इसके लाभ और Data Communicationके प्रकार को समझा। और भी बहुत साडी जरूरी परिभाषा हमने इस लेख में आपके लिए दी। मेरे हिसाब से अगर आप किसी सरकारी नौकरी के एग्जाम की तैयारी करते हो तो आपको यह लेख काफी मदद करेगा। जो बहुत जरूरी है हमने आपको इस लेख में दिया है।
FAQ’s on Data Communication in Hindi
डाटा कम्युनिकेशन से आप क्या समझते हैं?
दो या दो से अधिक कम्प्यूटर केन्द्रों के बीच डिजिटल या एनालॉग डेटा का स्थानान्तरण है, जो आपस में संचार चैनल से जुड़ा होता है। इसे ही हम डाटा कम्युनिकेशन कहते है। Data Communication को हिंदी में डेटा संचार कहा जाता है।
डेटा संचार कितने प्रकार के होते हैं?
डेटा संचार तीन प्रकार का होता है:
1. सिम्पलेक्स चैनल
2. अर्द्ध डुप्लेक्स चैनल
3. पूर्ण डुप्लेक्स चैनल
डाटा संचार का उद्देश्य क्या है?
डाटा संचार का मुख्य उद्देश्य लोगों के बिच डाटा के तेज़ी से आधान प्रधान करना है। इस से समय की बचत होती है और जानकारी लोगों के बिच जल्दी पहुंच जाती है।
डाटा कम्युनिकेशन का मुख्य साधन है
अगर हम आज के समय में डाटा कम्युनिकेशन के मुख्य साधन की बात करें तो वह इंटरनेट हैं। िंकसि मदद से हम कहीं से भी डाटा का आधान प्रधान कर सकते है वो भी कुछ ही सेकेण्ड के अंदर। यह बहुत आसान है।
अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमे कमेंट करके पूछे और हमारे अन्य आर्टिकल को जरूर पढ़े हमारे इस Data Communication के आर्टिकल को दुसरो के साथ शेयर जरूर करें।