Keyboard kya hai: अगर आप कीबोर्ड के बारे में जानकारी लेना चाहते है और खोज रहे है की बोर्ड क्या है? और कीबोर्ड के प्रकार कितने है? तो इस आर्टिकल में आप कीबोर्ड अच्छे से जानेंगे।
कीबोर्ड का दूसरा नाम:- कुञ्जीपटल होता है। कुञ्जीपटल (Keyboard) के सभी बटन के अलग अलग कार्य होते हैं। कीबोर्ड में पाँच प्रकार का होता है। आज हम कीबोर्ड के सभी बटन के नाम और उनके कार्य जानेगे।

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की बोर्ड से आप क्या समझते हैं? (keyboard kya hai?)
कीबोर्ड किसी भी कम्प्यूटर की प्रमुख input device है। जिनके प्रयोग से कम्प्यूटर में टेक्स्ट तथा न्यूमैरिकल डेटा निवेश (entry) कर सकते हैं। की-बोर्ड में सारे अक्षर टाइपराइटर की तरह क्रम में होते हैं, लेकिन इसमें टाइपराइटर से ज्याद बटन होते हैं। इसमें कुछ फंक्शन बटन होते हैं जिनको बार-बार किये जाने वाले कार्यों के लिए पूर्व निर्धारित किया जा सकता है।

जैसे- F1 बटन को सहायता (Help) के लिए प्रोग्राम किया जाता है। की बोर्ड को कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए एक विशेष जगह ( Port) बनी होती है, लेकिन की-बोर्ड भी आते हैं जिन्हें सिस्टम से जोड़ने की जरूरत नहीं होती है।
की बोर्ड कितने प्रकार की होती है?
की बोर्ड में पाँच प्रकार:
- अल्फान्यूमेरिक (Alphanumeric keys)
- कण्ट्रोल (Control keys)
- फंक्शन (Function keys)
- नेविगेशन (Navigation keys)
- नुमेरिक कीपैड (Numeric keypad)
आजकल USB की-बोर्ड आते हैं जो कम्प्यूटर के USB पोर्ट में लग जाते हैं तथा वायरलेस के की (Key) होते हैं।
कीबोर्ड के बटन की जानकारी हिंदी में : इनके कार्य और इनके नाम
कीबोर्ड में बहुत सारे बटन होते है जिन्हे हम अलग अलग नाम से पुकारते है। अभी हम keyboard all keys name और उनके बारे में जानकारी हासिल करेंगे। Keyboard keys names and uses:
1. अल्फाबेट बटन (Alphabet Keys)
की-बोर्ड में 26 अल्फाबेट की (Keys) A से Z तक होते हैं, जिनका उपयोग कर हम किसी भी शब्द या टेक्स्ट (Text) को लिख (Type) सकते हैं।
2. संख्यात्मक बटन (Numeric Keys)
इन की (Keys) का उपयोग नम्बर या अंक टाइप करने के लिए होता है। इनपर 0 से 9 तक संख्या अंकित रहते हैं। साधारणतः की बोर्ड के दाहिने तरफ अंक टाइप करने के लिए संख्यात्मक की-पैड होता है। इसमें 0 से 9 तक अंक, दशमलव, जोड़, घटाव, गुणा तथा भाग के की (Key) होते हैं ।
3. फंक्शन बटन (Function Keys)
ये की बोर्ड में सबसे ऊपर स्थित होते हैं। इन बटनों पर F1 से F12 अंकित होते हैं। इनका उपयोग (use ) बार-बार किये जाने वाले कार्य के लिए पहले से निर्धारित रहता है। इनके उपयोग से समय की बचत होती है।
4. कर्सर कंट्रोल बटन (Cursor Control Keys)
इन की (Keys) का उपयोग स्क्रीन पर कर्सर को कहीं भी ले जाने के लिए होता है। ये चार भिन्न दिशाओं को इंगित करते हैं जिसे चार तीर के निशान से दर्शाया रहता है । इसे Arrow Key भी कहा जाता है। इसे दायाँ (Left), बायाँ (Right), ऊपर ( Up) तथा नीचे (Down) ऐरो की कहते हैं। इनके ठीक ऊपर कर्सर को नियंत्रित करने के लिए चार और बटन होते हैं जिन्हें होम, एन्ड, पेज अप और पेज डाउन कहते हैं:
- होम (Home): कर्सर को लाइन के आरंभ में ले जाता है।
- एन्ड (End): कर्सर को लाइन के अंत में ले जाता है।
- पेज अप (Page Up): कर्सर को एक पेज पीछे या पिछले पेज में ले जाता है।
- पेज डाउन (Page Down): कर्सर को अगले पेज पर ले जाता है।
5. स्पेशल परपस बटन ( Special Purpose Key)
अभी हम स्पेशल परपस की के बारे में जानकारी लगे जिनका यूज किसी विशेष कार्य जाता है। अलग अलग सॉफ्टवेयर में इनका कार्य अलग अलग होता है। लेकिन कुछ ऐसे कार्य भी होते सॉफ्टवेयर में समान रूप से कार्य करते है।
6. कैप्स लॉक बटन (Caps Lock Key)
यह एक टॉगल बटन है। टॉगल बटन अर्थात् एक बार दबाने पर वह सक्रिय तथा दूसरी बार पुनः उसे दबाने पर निष्क्रिय हो जाता है। इसे सक्रिय रखने (On) पर सारे अक्षर बड़े अक्षरों (Capital letter) में लिखा जाता है। जिसे कम्प्यूटर में Upper case कहते हैं। इसे पुनः दबा कर निष्क्रिय किया जाता है, जिससे छोटे अक्षरों (Small letter या Lower case) में लिखना आरम्भ हो जाता है।
7. नम लॉक बटन (Num Lock Key):
यह भी टॉगल बटन है। इसके सक्रिय रहने से की बोर्ड के ऊपर की संख्यात्मक की-पैड सक्रिय (On) रहता है, नहीं तो नंबर पैड डिरेक्सनल एरो के रूप में कार्य करता है।
8. शिफ्ट बटन (Shift Keys)
यह एक संयोजन बटन (Combination key) है । इसे किसी और बटन के साथ उपयोग करते हैं। की-बोर्ड पर जिस किसी भी बटन पर दो Character अंकित रहता है तो ऊपर वाले Character को टाइप करने के लिए ‘शिफ्ट की’ का उपयोग करते हैं। जैसे कि की-बोर्ड पर 2 के ऊपरी भाग में @ कैरेक्टर है।
अतः @ को टाइप करने के लिए शिफ्ट के साथ @ बटन दबाते हैं, तो @ टाइप होता है नहीं तो 2 टाइप होगा। अगर कैप्स लॉक सक्रिय है तो भी शिफ्ट के साथ कोई भी अक्षर टाइप करने पर छोटे अक्षर (Small letter या Lowercase) में टाइप होगा। नंबर पैड को डिरेक्नल एरो के रूप कार्य कराने के लिए भी हम इसका उपयोग करते हैं। की बोर्ड में शिफ्ट की दो स्थानों पर होता है।
9. इन्टर बटन (Enter Key ) / रिर्टन बटन ( Return Key)
कम्प्यूटर को दिये गये कमांड नाम या प्रोग्राम नाम को निष्पादित करने या शुरू करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। डाक्यूमेंट में एक पंक्ति का अंत तथा नये पंक्ति का आरंभ करता है। यह भी की बोर्ड पर दो स्थानों पर होता है।
10. टैब बटन (Tab Key)
यह टेबुलेटर बटन (Tabulator Key) का संक्षिप्त नाम है। यह कर्सर को निश्चित दूरी तक एक बार में ले जाता है और ब्राउजर पेज में दूसरे लिंक पर ले जाता है। वर्ड (Word) या एक्सेल (Excel) के टेबल के एक वर्ग से दूसरे वर्ग में जाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
इसके द्वारा डायलॉग बॉक्स में दिये गये विकल्पों में से किसी एक का चयन भी किया जा सकता है। वर्ड डाक्यूमेंट (Word-document) में Tab सेट कर पेज का मार्जिन, पैराग्राफ तथा एक शब्द से दूसरे शब्द के बीच की दूरी को सेट किया जाता है।
11. एस्केप बटन (Esc-Escape Key)
यह कैंसिल (Cancel) बटन के समतुल्य है। पावर प्वायंट (Power Point) में इसके उपयोग से स्लाइड शो रुक जाता है तथा वेव पेज पर चलता हुआ एनीमेशन रुक जाता है । वेव पेज जो लोड हो रहा होता है इसके प्रयोग से रुक जाता है तथा Ctrl के साथ उपयोग करने पर Start मेनू खुल जाता है। अर्थात् जो भी कार्य जो कम्प्यूटर में चल रहा है या प्रोग्राम खुला है उसे बंद कर देता है या उससे बाहर आ जाता है।
12. स्पेस बार बटन (Space Bar)
शब्दों के बीच में जगह डालने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
13. बैक स्पेस बटन (Back Space Key)
कर्सर के ठीक बायीं ओर के अक्षर चिह्न या जगह को मिटाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
14. डिलीट बटन (Delete Key)
कर्सर के ठीक दायीं ओर के अक्षर चिह्न या जगह को मिटाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है । इसके द्वारा चयन किया हुआ (Selected) शब्द, लाइन, पेज, फाइल या ड्राइंग को मिटाया जा सकता है।
15. कंट्रोल बटन (Ctrl-Control Key)
यह भी एक संयोजन बटन (Combination key) है जो किसी और बटन के साथ मिलकर विशेष कार्य करता है। इसका कार्य विभिन्न सॉफ्टवेयर के अनुसार बदलता रहता है। जैसे कि- Ctrl + C कॉपी करने तथा Ctrl + V पेस्ट करता है। की-बोर्ड पर दो ‘कंट्रोल की’ होते हैं।
कंट्रोल + आल्ट + डेल तीनों बटनों को एक साथ दबाने पर विंडो टास्क मैनेजर का विडो खुलता है तथा इससे हम किसी भी प्रोग्राम को बंद कर सकते हैं। अगर कोई प्रोग्राम कम्प्यूटर में चलते-चलते हैंग (Hang) कर जाता है तो इन तीनों के उपयोग से उस प्रोग्राम को बंद किया जा सकता है। इसे resaet भी कहते है।
16. प्रिन्ट स्क्रीन बटन (Print Screen Key)
इस Key को Shift-Key के साथ प्रयोग कर स्क्रीन screen पर प्रदर्शित फाइल या फोटो प्रिन्टर के द्वारा प्रिंट किया जाता है।
18. स्क्रॉल लॉक बटन (Scroll Lock Key)
यह बटन की बोर्ड के ऊपर पॉज की के पास स्थित होता है। यह टेक्स्ट (Text) या रन कर रहे प्रोग्राम को अस्थायी रूप से एक स्थान पर रोकता है। फिर से टेक्स्ट या प्रोग्राम को सक्रिय करने के लिए इसी बटन को दुबारा उपयोग करना होता है।
19. पॉज बटन (Pause Key):
यह ‘की’ की-बोर्ड के ऊपर दाहिने तरफ स्थित होता है । यह बटन को अस्थायी तौर पर चल रहे प्रोग्राम को रोक देता है तथा किसी बटन को दबाने पर फिर से प्रोग्राम चलने लगता है। जैसे- कम्प्यूटर गेम में अस्थायी रूप से गेम को रोकने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
20. मोडिफायर बटन (Modifier Key)
यह कम्प्यूटर की बोर्ड पर विशेष ‘की’ है जो किसी ‘की’ के कांबिनेशन में उपयोग किया जाता है। यह दूसरे ‘की’ के कार्य को रूपान्तरित कर देता है। जैसे — Alt + F4 MS-विन्डोज में सक्रिय प्रोग्राम विडों को बंद कर देता है, जहाँ Alt मोडिफायर ‘की’ है जो F4 के कार्य को रूपान्तरित कर देता है। कुछ मोडिफायर की (Key) निम्नलिखित हैं 1. शिफ्ट की 2. कंट्रोल की 3 ऑल्ट की।
Conclusion
हमे उम्मीद है आपको हमारे इस लेख से बहुत कुछ सिखने होगा आज हमने आपको कीबोर्ड क्या होता है? इसके बारे में और इसके सभी बटन के नाम के बारे में डिटेल में बताया है। अगर आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा है तो इसे शेयर जरूर करें। और कंप्यूटर से जुड़ा कोई सवाल है तो हमे पूछे। हमारे अन्य लेख जरूर पढ़े।
FAQ’s – Keyboard
कीबोर्ड का दूसरा नाम क्या है?
कुञ्जीपटल
फंक्शन की (Function Keys) कितनी होती है?
Function Keys की संख्या 12 होती है।
कीबोर्ड में कितने बटन होते हैं?
कीबोर्ड में 104 बटन होते हैं।
कीबोर्ड का फुल फॉर्म क्या है?
Keyboard का full form Keys Electronic Yet Board Operating A to Z Response Directly होता है।
कीबोर्ड का आविष्कार कब और किसने किया?
कीबोर्ड का आविष्कार 1868 में क्रिस्टोफर लैथम शोलेज (Christopher Lathom Sholes) ने किया था जो आज भी प्रयोग में है।
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