शुद्ध पदार्थ (Pure Substance) वह पदार्थ होता है जो किसी अन्य पदार्थ से मिलाए बिना केवल एक ही प्रकार के अणुओं या परमाणुओं से मिलकर बना होता है। शुद्ध पदार्थ में भौतिक और रासायनिक गुण हर हिस्से में समान होते हैं। इसका मतलब है कि शुद्ध पदार्थ का हर भाग उसकी समान Composition (संयोजन) और गुणों से भरपूर होता है।
शुद्ध पदार्थ दो प्रकार के होते हैं: तत्त्व (Elements) और यौगिक (Compounds)।
1. तत्त्व (Element): यह शुद्ध पदार्थ होता है जो केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बना होता है। जैसे – सोना (Au), चाँदी (Ag), ऑक्सीजन (O2), हाइड्रोजन (H2) आदि। ये तत्त्व रासायनिक रूप से विभाजित नहीं हो सकते।
2. यौगिक (Compound): यह शुद्ध पदार्थ होता है जो दो या दो से अधिक तत्त्वों के रासायनिक संयोजन से बना होता है। जैसे – पानी (H2O), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), सोडियम क्लोराइड (NaCl) आदि। यौगिकों में भी हर हिस्सा समान होता है।
शुद्ध पदार्थ का एक खास गुण यह है कि उसकी गलनांक, ऊबालांक और घनत्व हमेशा निश्चित होते हैं। उदाहरण के लिए, शुद्ध पानी का उबलने का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस होता है।
विपरीत, मिश्रण (Mixture) में दो या दो से अधिक पदार्थ भौतिक रूप से मिलाए जाते हैं, जिनका संयोजन समान नहीं होता। मिश्रण के हर हिस्से में गुण और संरचना अलग-अलग हो सकती है।
निष्कर्ष:
शुद्ध पदार्थ वे पदार्थ हैं जिनमें केवल एक ही प्रकार के अणु या परमाणु होते हैं। ये पदार्थ भौतिक और रासायनिक गुणों में समान होते हैं। तत्त्व और यौगिक दोनों शुद्ध पदार्थ के उदाहरण हैं। शुद्ध पदार्थ विज्ञान में अध्ययन और प्रयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इनके गुण निश्चित और स्थिर होते हैं।
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