अभय शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है और इसका मूल अर्थ है ‘जिसको भय न हो' या ‘जो भय रहित हो'। यह एक पुल्लिंग नाम भी है जो भारतीय उपमहाद्वीप में काफी प्रचलित है।
अभय का सबसे सीधा मतलब है निर्भय, यानी बिना किसी डर के। यह उस व्यक्ति की विशेषता को दर्शाता है जो किसी भी परिस्थिति में, चाहे वह कितनी भी कठिन या चुनौतीपूर्ण क्यों न हो, साहस और दृढ़ता बनाए रखता है। ऐसे व्यक्ति को खतरा, संकट या अनिश्चितता से कोई डर नहीं लगता।
दूसरा महत्वपूर्ण अर्थ है निडरता। यह केवल डर की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि सक्रिय रूप से उसका सामना करने और उसे जीतने की क्षमता है। एक अभय व्यक्ति वह होता है जो चुनौतियों से भागता नहीं, बल्कि उनका सामना करता है, चाहे परिणाम कुछ भी हो। यह मानसिक शक्ति और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
तीसरा अर्थ सुरक्षित या रक्षा करने वाला भी हो सकता है। जब कोई अभय होता है, तो वह न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी सुरक्षा का प्रतीक बन सकता है। कई पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में, देवताओं और नायकों को ‘अभय' के रूप में वर्णित किया गया है, जो अपने भक्तों या अनुयायियों को भय से मुक्ति और सुरक्षा प्रदान करते हैं। ‘अभय मुद्रा' भी एक विशिष्ट हस्त मुद्रा है जिसमें हाथ उठाकर आशीर्वाद या सुरक्षा प्रदान की जाती है, जो इस अर्थ को पुष्ट करता है।
संक्षेप में, अभय एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत, साहसी और विश्वसनीय बनाता है। यह न केवल व्यक्तिगत शक्ति का प्रतीक है, बल्कि दूसरों को भी भयमुक्त करने और सुरक्षित महसूस कराने की क्षमता का भी द्योतक है।
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