प्रतियोगिता का अर्थ होता है – आगे बढ़ने, जीतने या श्रेष्ठ बनने की कोशिश में दूसरों से होड़ करना। यह जीवन के हर क्षेत्र में देखने को मिलती है – शिक्षा, खेल, व्यवसाय, नौकरी, राजनीति, कला और यहां तक कि दैनिक जीवन में भी। जब दो या दो से अधिक व्यक्ति, समूह या संस्थाएं एक लक्ष्य को पाने की कोशिश करते हैं, तो उस स्थिति को प्रतियोगिता कहते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगिता छात्रों के बीच होती है – जैसे परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए या प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे UPSC, SSC, Army, NEET आदि) में चयन के लिए। खेलों में प्रतियोगिता खिलाड़ियों के बीच होती है, जिसमें जीतने के लिए मेहनत, रणनीति और मानसिक दृढ़ता की ज़रूरत होती है।
व्यवसाय में कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है ताकि वे अधिक ग्राहक जोड़ सकें और मुनाफा कमा सकें। राजनीति में नेता और पार्टियाँ जनता का समर्थन पाने के लिए एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं।
प्रतियोगिता के लाभ:
- यह व्यक्ति को अधिक मेहनत करने और अपने कौशल को बेहतर बनाने की प्रेरणा देती है।
- समाज में गुणवत्ता और नवाचार बढ़ता है।
- लोग समय के महत्व को समझते हैं और अपनी योग्यता सिद्ध करते हैं।
कुछ नुकसान भी होते हैं:
- अत्यधिक प्रतियोगिता तनाव और मानसिक दबाव का कारण बन सकती है।
- असफलता की स्थिति में आत्मविश्वास में गिरावट आती है।
निष्कर्ष:
प्रतियोगिता जीवन का एक आवश्यक हिस्सा है। यह हमें प्रगति करने, सीखने और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। लेकिन यह ज़रूरी है कि हम इसे सकारात्मक रूप में लें, न कि ईर्ष्या या द्वेष के रूप में। स्वस्थ प्रतियोगिता ही सफलता की कुंजी है।
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