प्रयोगशाला परिचारक एक ऐसा व्यक्ति होता है जो स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल या अन्य शोध संस्थानों की प्रयोगशाला (Lab) में सहायक कार्यों को अंजाम देता है। उसका मुख्य कार्य प्रयोगशाला में साफ-सफाई बनाए रखना, उपकरणों को तैयार करना, रसायनों का प्रबंध करना, और प्रयोग करने वाले छात्रों या वैज्ञानिकों को सहयोग देना होता है।
प्रमुख जिम्मेदारियाँ:
-
उपकरणों की तैयारी – प्रयोगशाला परिचारक विभिन्न उपकरणों को प्रयोग के लिए तैयार करता है, जैसे कि बीकर, टेस्ट ट्यूब, माइक्रोस्कोप आदि।
-
रसायनों की व्यवस्था – वह रसायनों को सुरक्षित तरीके से रखता है और आवश्यकतानुसार उन्हें उपलब्ध कराता है।
-
सफाई और सुरक्षा – प्रयोगशाला की साफ-सफाई, सुरक्षा उपकरणों (जैसे फायर एक्सटिंगुशर) की जांच और प्रयोग के बाद सामग्री को सम्हालना।
-
छात्रों की सहायता – प्रयोग करते समय छात्रों को आवश्यक सामग्री देना और प्रयोग की तैयारी में सहायता करना।
-
रिकॉर्ड रखना – उपकरणों और रसायनों के स्टॉक का हिसाब रखना।
आवश्यक योग्यताएँ:
-
सामान्यतः 10वीं या 12वीं पास उम्मीदवार को यह पद मिल सकता है।
-
विज्ञान विषय में रुचि और प्रयोगशाला से जुड़ा अनुभव लाभदायक होता है।
-
सुरक्षा नियमों की जानकारी जरूरी होती है।
प्रयोगशाला परिचारक का महत्व:
हालाँकि यह एक सहायक पद होता है, लेकिन प्रयोगशाला की सुव्यवस्था और सुरक्षित संचालन में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। इनके बिना प्रयोगों को सुचारु रूप से करना कठिन हो सकता है।
निष्कर्ष:
प्रयोगशाला परिचारक विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान का एक मौलिक सहायक स्तंभ होता है, जो पर्दे के पीछे रहकर पूरे सिस्टम को व्यवस्थित बनाए रखता है।
Suggested Answers
पासवर्ड को हिंदी में \"कूट शब्द\" या \"गुप्त शब्द\" कहा जाता है। यह एक ऐसा विशेष शब्द, वाक्यांश या कोड... और देखें
पत्ता गोभी, जिसे अंग्रेजी में कैबेज कहा जाता है, एक सस्ती, सुलभ और पोषक तत्वों से भरपूर सब्ज़ी है। इसका... और देखें
प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) एक सफेद, सूखा और महीन पाउडर होता है, जो पानी मिलाने पर जल्दी कठोर होकर एक... और देखें
PPC का पूरा नाम Pay-Per-Click है। यह एक प्रकार की डिजिटल मार्केटिंग रणनीति है जिसमें विज्ञापनदाता (Advertiser) हर बार भुगतान... और देखें
‘पति’ शब्द संस्कृत मूल से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है — स्वामी, रक्षक या संचालक। हिंदी भाषा में... और देखें
‘पाट’ शब्द हिंदी भाषा में कई अर्थों में उपयोग होता है, लेकिन इसका सबसे सामान्य और पारंपरिक अर्थ होता है... और देखें
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक विशेष समय होता है जो पूर्वजों की... और देखें