मोबाइल सेवाओं का उपयोग करने के लिए दो प्रमुख तरीकों का प्रयोग किया जाता है – प्रीपेड (Prepaid) और पोस्टपेड (Postpaid)। दोनों सेवाओं में प्रमुख अंतर भुगतान के समय और तरीके में होता है।
प्रीपेड सेवा वह होती है जिसमें उपभोक्ता पहले से मोबाइल सेवा के लिए भुगतान करता है। यानी उपभोक्ता एक निश्चित राशि का रिचार्ज करता है, जिसके बाद वह उस राशि के अनुसार कॉल, डेटा, और अन्य सेवाओं का उपयोग करता है। जब बैलेंस खत्म हो जाता है, तो सेवाएं बंद हो जाती हैं जब तक कि नया रिचार्ज न किया जाए। यह सेवा खासतौर पर छात्रों, कम बजट वाले उपभोक्ताओं और अस्थायी उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त होती है, क्योंकि इसमें खर्च पर पूरी तरह से नियंत्रण रहता है।
पोस्टपेड सेवा इसके विपरीत होती है। इसमें उपभोक्ता पहले सेवाओं का उपयोग करता है और महीने के अंत में एक बिल के रूप में भुगतान करता है। इस योजना में उपयोग की गई सेवाओं का विवरण बिल में दिया जाता है। पोस्टपेड सेवा आमतौर पर व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं या उन लोगों के लिए होती है जो नियमित और अधिक सुविधाओं वाली सेवाएं चाहते हैं, जैसे कि अनलिमिटेड कॉलिंग, अधिक डेटा, रोमिंग सुविधाएं आदि।
मुख्य अंतर:
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भुगतान का समय: प्रीपेड में पहले भुगतान, पोस्टपेड में बाद में।
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खर्च पर नियंत्रण: प्रीपेड में अधिक, पोस्टपेड में सीमित।
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सेवाओं में सुविधा: पोस्टपेड में अधिक सुविधाएं और वैल्यू-एडेड सर्विसेज होती हैं।
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बिलिंग: प्रीपेड में कोई बिल नहीं, पोस्टपेड में मासिक बिल मिलता है।
अंततः, उपभोक्ता की जरूरत और खर्च करने की क्षमता के अनुसार प्रीपेड या पोस्टपेड योजना का चुनाव किया जाता है।
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