रक्षाबंधन, जिसे सामान्यतः राखी कहा जाता है, भाई-बहन के पवित्र प्रेम और रिश्ते का प्रतीक त्यौहार है। यह हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह पर्व भाई की लंबी उम्र, सुरक्षा और सुख-समृद्धि के लिए बहन द्वारा राखी बांधने की परंपरा से जुड़ा हुआ है।
राखी बांधने का सही समय (मुहूर्त):
राखी बांधने का समय हर वर्ष बदलता है क्योंकि यह पंचांग की तिथि और नक्षत्रों पर आधारित होता है। आमतौर पर राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ समय शुभ मुहूर्त (अवधि) में होता है। इसे “रक्षाबंधन पूजन मुहूर्त” भी कहा जाता है। इस दौरान बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, तिलक करती हैं, मिठाई खिलाती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देता है।
भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधते?
पौराणिक मान्यता के अनुसार भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, विशेष रूप से राखी बांधना। भद्रा काल के समय देवकार्य निषिद्ध होते हैं। यह समय अशुभ माना गया है, और ऐसा कहा जाता है कि इस समय में राखी बांधने से भाई को संकट का सामना करना पड़ सकता है।
कैसे पता करें राखी का सही समय?
रक्षाबंधन के दिन का शुभ मुहूर्त जानने के लिए पंचांग, धार्मिक कैलेंडर या विश्वसनीय वेबसाइट जैसे Drik Panchang, या धार्मिक चैनलों पर दिए गए समय को देखा जा सकता है।
निष्कर्ष:
रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव है। इसे शुभ मुहूर्त में मनाना पारंपरिक रूप से आवश्यक माना गया है, और यही इसे धार्मिक और भावनात्मक रूप से और भी विशेष बना देता है।
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