समाजवादी दर्शन एक आर्थिक और राजनीतिक विचारधारा है जो उत्पादन के साधनों (जैसे कारखाने, भूमि, मशीनरी) पर सामाजिक स्वामित्व या नियंत्रण की वकालत करता है। यह निजी स्वामित्व के विपरीत है और इसका मुख्य उद्देश्य समाज में समानता, न्याय और सहयोग को बढ़ावा देना है।
समाजवादी दर्शन के मूल में यह विश्वास है कि समाज के संसाधनों का वितरण सभी के हित में होना चाहिए, न कि केवल कुछ व्यक्तियों के लाभ के लिए। यह पूंजीवाद के उन पहलुओं की आलोचना करता है जहां धन और शक्ति कुछ हाथों में केंद्रित हो जाती है, जिससे सामाजिक असमानता और शोषण बढ़ता है।
मुख्य सिद्धांत:
* सामाजिक स्वामित्व: उत्पादन के साधनों पर व्यक्ति के बजाय समाज या राज्य का नियंत्रण होता है।
* समानता: आय, संपत्ति और अवसरों में असमानता को कम करना।
* सामाजिक न्याय: समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर और हाशिए पर पड़े लोगों को न्याय और समान अवसर सुनिश्चित करना।
* सहयोग: व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के बजाय सामूहिक सहयोग और साझा जिम्मेदारी पर जोर।
* कल्याणकारी राज्य: सरकार की भूमिका एक ऐसे राज्य के रूप में होती है जो अपने नागरिकों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है।
समाजवाद के विभिन्न रूप मौजूद हैं, जैसे लोकतांत्रिक समाजवाद, मार्क्सवादी समाजवाद, बाजार समाजवाद आदि। इन सभी में कुछ भिन्नताएं हो सकती हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक अधिक न्यायसंगत और समतावादी समाज का निर्माण करना है। संक्षेप में, समाजवादी दर्शन एक ऐसे समाज की कल्पना करता है जहां संसाधनों का उपयोग सभी के भले के लिए हो, न कि केवल लाभ कमाने के लिए।
Suggested Answers
पासवर्ड को हिंदी में \"कूट शब्द\" या \"गुप्त शब्द\" कहा जाता है। यह एक ऐसा विशेष शब्द, वाक्यांश या कोड... और देखें
पत्ता गोभी, जिसे अंग्रेजी में कैबेज कहा जाता है, एक सस्ती, सुलभ और पोषक तत्वों से भरपूर सब्ज़ी है। इसका... और देखें
प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) एक सफेद, सूखा और महीन पाउडर होता है, जो पानी मिलाने पर जल्दी कठोर होकर एक... और देखें
PPC का पूरा नाम Pay-Per-Click है। यह एक प्रकार की डिजिटल मार्केटिंग रणनीति है जिसमें विज्ञापनदाता (Advertiser) हर बार भुगतान... और देखें
‘पति’ शब्द संस्कृत मूल से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है — स्वामी, रक्षक या संचालक। हिंदी भाषा में... और देखें
‘पाट’ शब्द हिंदी भाषा में कई अर्थों में उपयोग होता है, लेकिन इसका सबसे सामान्य और पारंपरिक अर्थ होता है... और देखें
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक विशेष समय होता है जो पूर्वजों की... और देखें