सरल वाक्सरल वाक्य वह वाक्य होता है जिसमें केवल एक ही क्रिया होती है और वाक्य सीधा, स्पष्ट और सहज रूप से समझ में आता है। सरल वाक्य में कोई संयोजक शब्द (जैसे – और, लेकिन, क्योंकि, यदि, जब आदि) नहीं होते। इसमें एक ही कार्य के बारे में बताया जाता है और वाक्य का ढांचा छोटा और स्पष्ट होता है।
सरल वाक्य भाषा का सबसे मौलिक और प्रारंभिक रूप होता है। जब कोई व्यक्ति बोलना या लिखना सीखता है, तो सबसे पहले वह सरल वाक्यों का ही प्रयोग करता है। ये वाक्य स्पष्ट संप्रेषण में सहायक होते हैं और श्रोता या पाठक को जल्दी समझ में आ जाते हैं।
सरल वाक्य में एक कर्ता (Subject), एक क्रिया (Verb) और कभी-कभी एक कर्म (Object) होता है। यह वाक्य अकेले ही पूरे भाव को प्रकट कर सकता है, और इसके लिए किसी अन्य वाक्य की सहायता की आवश्यकता नहीं होती।
उदाहरण:
1. वह स्कूल गया।
2. मैं सो रहा हूँ।
3. बच्चे खेल रहे हैं।
4. गाय खेत में है।
5. माँ रोटी बना रही है।
इन सभी वाक्यों में एक ही काम बताया गया है, और कोई दूसरा वाक्य इससे जुड़ा हुआ नहीं है।
निष्कर्ष:
इस प्रकार, जिस वाक्य में केवल एक कार्य का वर्णन हो, जो संक्षिप्त, स्पष्ट और बिना संयोजक शब्दों के हो, उसे सरल वाक्य कहते हैं। ये वाक्य भाषा की नींव होते हैं और लेखन तथा वाचन दोनों में अत्यंत उपयोगी माने जाते हैं।
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