त्वचा पर पिंपल कत्वचा पर पिंपल (मुंहासे) होना एक आम समस्या है, जो विशेष रूप से किशोरावस्था में अधिक देखने को मिलती है। पिंपल मुख्य रूप से तब होते हैं जब त्वचा के रोमछिद्र (pores) बंद हो जाते हैं और उसमें तेल, गंदगी या मृत त्वचा कोशिकाएं जमा हो जाती हैं।
हमारी त्वचा में मौजूद सेबेशियस ग्लैंड्स नामक ग्रंथियाँ तेल (सीबम) का निर्माण करती हैं, जो त्वचा को नमी देने का काम करता है। लेकिन जब यह तेल अत्यधिक मात्रा में निकलता है या रोमछिद्र में गंदगी भर जाती है, तब बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और सूजन के साथ पिंपल बनते हैं।
पिंपल होने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- हार्मोनल बदलाव – खासतौर पर किशोरावस्था, मासिक धर्म, गर्भावस्था या तनाव के समय।
- अत्यधिक तेलीय त्वचा – ज्यादा सीबम त्वचा को चिपचिपा बनाता है।
- गंदगी और धूल – नियमित रूप से चेहरा साफ न करने पर गंदगी जमा हो जाती है।
- गलत खानपान – अत्यधिक तला-भुना, मीठा या डेयरी उत्पादों का सेवन पिंपल बढ़ा सकता है।
- तनाव – मानसिक तनाव से हार्मोन असंतुलन होता है, जो पिंपल को बढ़ा सकता है।
- कॉस्मेटिक्स का गलत प्रयोग – भारी और तेलीय मेकअप उत्पाद रोमछिद्र बंद कर सकते हैं।
पिंपल से बचने के लिए चेहरा दिन में दो बार धोना, हल्के और non-comedogenic उत्पादों का इस्तेमाल, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद जरूरी है। अगर समस्या अधिक हो तो त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर होता है।
निष्कर्ष: पिंपल एक आम लेकिन परेशान करने वाली स्थिति है, जिसे सही देखभाल और जीवनशैली से नियंत्रित किया जा सकता है।
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