सही दिशा में सोना न केवल अच्छी नींद के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य, मानसिक शांति और ऊर्जा संतुलन को भी प्रभावित करता है। वास्तुशास्त्र और आयुर्वेद दोनों में सोने की दिशा को विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का असर हमारे शरीर और मस्तिष्क पर होता है।
– पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोना: यह दिशा छात्रों, विद्वानों और मानसिक कार्य करने वालों के लिए उत्तम मानी जाती है। इससे स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है।
– दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर सोना: यह सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। इससे शरीर की ऊर्जा पृथ्वी की चुंबकीय ऊर्जा के अनुरूप संतुलित होती है। यह दिशा दीर्घायु, मानसिक शांति और अच्छी नींद देने वाली होती है।
– उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सोना: यह वर्जित मानी जाती है। इससे सिर में खून का प्रवाह असंतुलित हो सकता है, जिससे सिरदर्द, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे मृतकों की दिशा भी कहा जाता है।
– पश्चिम दिशा की ओर सिर रखकर सोना: यह व्यापारियों और कार्य में प्रगति चाहने वालों के लिए उपयुक्त मानी जाती है, परंतु हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होती।
– अन्य बातें: सोते समय मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स या मिरर पास में न हो, बिस्तर साफ और व्यवस्थित हो और पैरों की दिशा दरवाजे की तरफ न हो तो नींद बेहतर होती है।
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