श्रीसुदामा जी भगवान श्रीकृष्ण के बाल सखा और महान भक्त माने जाते हैं। उनके जीवन की सबसे प्रसिद्ध घटना है—द्वारका जाकर श्रीकृष्ण से मिलना और बिना कुछ मांगे ही उनका जीवन बदल जाना। लेकिन जहां तक उनके माता-पिता का प्रश्न है, तो धार्मिक ग्रंथों में उनके नामों का उल्लेख बहुत स्पष्ट रूप से नहीं मिलता।
कुछ लोककथाओं और परंपरागत मान्यताओं के अनुसार, श्रीसुदामा जी के पिता का नाम भानु, मतीरा या सुभानु बताया गया है। वहीं उनकी माता का नाम शशिकला, सुशीला या मालती के रूप में प्रचलित है। लेकिन यह नाम शास्त्रसम्मत नहीं हैं, बल्कि ये अलग-अलग क्षेत्रों में प्रचलित लोक विश्वासों पर आधारित हैं।
श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण और महाभारत जैसे प्रमुख ग्रंथों में श्रीसुदामा के माता-पिता के नाम का सीधा उल्लेख नहीं किया गया है। इसका कारण यह हो सकता है कि सुदामा जी के जीवन में उनकी भक्ति और मित्रता ही मुख्य केंद्र हैं, न कि उनका पारिवारिक विवरण।
श्रीसुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे और अत्यंत निर्धनता में जीवन यापन करते थे। उनके माता-पिता ने उन्हें धर्म, सच्चाई और भक्ति का मार्ग सिखाया था, जिसका प्रभाव उनके पूरे जीवन पर पड़ा। उनकी सादगी, विनम्रता और श्रीकृष्ण के प्रति अटूट प्रेम ने उन्हें अमर बना दिया।
इसलिए निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि सुदामा जी के माता-पिता के नाम के विषय में कोई प्रमाणिक और सर्वमान्य शास्त्रीय जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन उनकी शिक्षा और संस्कारों से यह स्पष्ट है कि वे धार्मिक और पुण्यात्मा माता-पिता के पुत्र थे।
Suggested Answers
पासवर्ड को हिंदी में \"कूट शब्द\" या \"गुप्त शब्द\" कहा जाता है। यह एक ऐसा विशेष शब्द, वाक्यांश या कोड... और देखें
पत्ता गोभी, जिसे अंग्रेजी में कैबेज कहा जाता है, एक सस्ती, सुलभ और पोषक तत्वों से भरपूर सब्ज़ी है। इसका... और देखें
प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) एक सफेद, सूखा और महीन पाउडर होता है, जो पानी मिलाने पर जल्दी कठोर होकर एक... और देखें
PPC का पूरा नाम Pay-Per-Click है। यह एक प्रकार की डिजिटल मार्केटिंग रणनीति है जिसमें विज्ञापनदाता (Advertiser) हर बार भुगतान... और देखें
‘पति’ शब्द संस्कृत मूल से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है — स्वामी, रक्षक या संचालक। हिंदी भाषा में... और देखें
‘पाट’ शब्द हिंदी भाषा में कई अर्थों में उपयोग होता है, लेकिन इसका सबसे सामान्य और पारंपरिक अर्थ होता है... और देखें
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक विशेष समय होता है जो पूर्वजों की... और देखें