- सूरदास के गुरु का नाम श्री वल्लभाचार्य था।महाकवि सूरदास, जो हिंदी साहित्य के भक्ति काल की कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि माने जाते हैं, उनके गुरु का नाम श्री वल्लभाचार्य था। वल्लभाचार्य पुष्टिमार्ग संप्रदाय के संस्थापक थे और उन्होंने कृष्ण भक्ति का प्रचार किया।
- सूरदास जन्म से ही दृष्टिहीन थे, लेकिन उनकी आध्यात्मिक दृष्टि अद्भुत थी। वे पहले विनय के पद गाया करते थे, जिसमें दीनता और वैराग्य का भाव अधिक होता था। ऐसा माना जाता है कि उनकी भेंट वल्लभाचार्य से गऊघाट पर हुई थी। वल्लभाचार्य ने सूरदास की प्रतिभा और भक्ति भाव को पहचाना और उन्हें कृष्ण की लीलाओं का गान करने का उपदेश दिया। उन्होंने सूरदास को यह समझाया कि भगवान की लीलाओं का वर्णन करने से ही सच्चा आनंद प्राप्त होता है।
- गुरु वल्लभाचार्य के मार्गदर्शन में सूरदास ने कृष्ण के बाल रूप, उनकी लीलाओं और राधा-कृष्ण के प्रेम का अद्भुत वर्णन किया। सूरदास ने अपनी रचनाओं में भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों का इतना सजीव और भावपूर्ण चित्रण किया है कि मानो उन्होंने उन लीलाओं को स्वयं अपनी आँखों से देखा हो। यही कारण है कि उन्हें ‘अष्टछाप' के कवियों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, और उनके काव्य को ‘पुष्टिमार्ग का जहाज' भी कहा जाता है।
- वल्लभाचार्य ने सूरदास के काव्य को एक नई दिशा दी। उनके उपदेशों का सूरदास के जीवन और काव्य पर गहरा प्रभाव पड़ा। गुरु के मार्गदर्शन से ही सूरदास की भक्ति और काव्य कला अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँची। सूरदास ने अपनी रचनाओं में गुरु के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण का भाव भी व्यक्त किया है।
Suggested Answers
पासवर्ड को हिंदी में \"कूट शब्द\" या \"गुप्त शब्द\" कहा जाता है। यह एक ऐसा विशेष शब्द, वाक्यांश या कोड... और देखें
पत्ता गोभी, जिसे अंग्रेजी में कैबेज कहा जाता है, एक सस्ती, सुलभ और पोषक तत्वों से भरपूर सब्ज़ी है। इसका... और देखें
प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) एक सफेद, सूखा और महीन पाउडर होता है, जो पानी मिलाने पर जल्दी कठोर होकर एक... और देखें
PPC का पूरा नाम Pay-Per-Click है। यह एक प्रकार की डिजिटल मार्केटिंग रणनीति है जिसमें विज्ञापनदाता (Advertiser) हर बार भुगतान... और देखें
‘पति’ शब्द संस्कृत मूल से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है — स्वामी, रक्षक या संचालक। हिंदी भाषा में... और देखें
‘पाट’ शब्द हिंदी भाषा में कई अर्थों में उपयोग होता है, लेकिन इसका सबसे सामान्य और पारंपरिक अर्थ होता है... और देखें
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक विशेष समय होता है जो पूर्वजों की... और देखें