टी ट्री ऑयल एक प्राकृतिक आवश्यक तेल है जो “मेलालेुका” नामक पेड़ की पत्तियों से निकाला जाता है, और इसका उपयोग त्वचा, बाल और स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के इलाज में किया जाता है।
– यह ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला विशेष पेड़ होता है, जिसकी पत्तियों से भाप द्वारा तेल निकाला जाता है।
– इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो इसे खास बनाते हैं।
– टी ट्री ऑयल का सबसे ज्यादा उपयोग पिंपल्स (acne) के इलाज में होता है। यह त्वचा के बैक्टीरिया को मारता है और त्वचा को साफ करता है।
– डैंड्रफ और स्कैल्प इंफेक्शन को दूर करने के लिए यह तेल बालों की जड़ों में लगाया जाता है।
– यह नाखूनों के फंगस, कटने-छिलने या हल्की जलन पर भी लगाया जा सकता है।
– कई बार इसे मच्छर काटने या त्वचा पर जलन वाली जगह पर भी लगाया जाता है क्योंकि यह ठंडक देता है और खुजली कम करता है।
– इसे शुद्ध रूप में त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए। हमेशा किसी दूसरे तेल (जैसे नारियल या जैतून) में मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए।
– बाजार में टी ट्री ऑयल युक्त फेसवॉश, शैंपू, क्रीम और साबुन भी उपलब्ध हैं।
– यह बहुत तेज़ गंध वाला होता है और अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से एलर्जी या जलन हो सकती है।
– गर्भवती महिलाओं, बच्चों और संवेदनशील त्वचा वालों को इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
टी ट्री ऑयल एक छोटा लेकिन प्रभावशाली घरेलू उपचार है, जो त्वचा और बालों की समस्याओं को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करता है, लेकिन इसे सावधानी से इस्तेमाल करना जरूरी है।
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