तेल लगाना भारतीय परंपरा और आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह न केवल शरीर की बाहरी त्वचा को पोषण प्रदान करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।
तेल लगाने से त्वचा को नमी मिलती है और वह कोमल, चमकदार व स्वस्थ बनी रहती है। यह शुष्कता, खुजली और फटी त्वचा से राहत देता है। नियमित तेल मालिश से रक्तसंचार सुधरता है जिससे कोशिकाओं को अधिक ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
बालों में तेल लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं, रूसी (डैंड्रफ) कम होती है और बालों का झड़ना रुकता है। नारियल, बादाम, सरसों, आँवला, ब्राह्मी जैसे तेल बालों के लिए विशेष रूप से उपयोगी माने जाते हैं। यह बालों को घना, काला और चमकदार बनाते हैं।
सिर में तेल की मालिश तनाव को कम करती है, नींद को बेहतर बनाती है और मस्तिष्क को शांत करती है। यह मानसिक थकान और चिंता को भी घटाता है। वहीं शरीर में मालिश करने से मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं और हड्डियाँ मजबूत बनती हैं।
बुज़ुर्गों और बच्चों को तेल मालिश विशेष रूप से लाभ पहुंचाती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और शरीर को स्फूर्तिवान बनाए रखती है।
सर्दियों में विशेष रूप से सरसों का तेल या तिल का तेल लगाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह गर्मी प्रदान करता है और त्वचा को सूखने से बचाता है।
इस प्रकार, तेल लगाना केवल एक सौंदर्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक और वैज्ञानिक तरीका है शरीर को स्वस्थ, तनावमुक्त और ऊर्जावान बनाए रखने का।
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