वस्तुनिष्ठता का अर्थ है – किसी भी विषय, व्यक्ति या स्थिति का मूल्यांकन पूरी निष्पक्षता, तटस्थता और यथार्थता के साथ करना, बिना किसी निजी भावना, पक्षपात या पूर्वाग्रह के। यह शब्द ‘वस्तु' और ‘निष्ठा' से मिलकर बना है, जिसका तात्पर्य है – वस्तु या तथ्य के प्रति सच्ची निष्ठा रखना।
जब हम किसी विषय पर व्यक्तिगत राय, भावना या झुकाव के बिना केवल तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर निर्णय लेते हैं, तो उसे वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई शिक्षक किसी छात्र को उसके उत्तरों के आधार पर अंक देता है, न कि अपनी पसंद-नापसंद के आधार पर, तो यह वस्तुनिष्ठता कहलाएगी।
पत्रकारिता, न्याय व्यवस्था, प्रशासन, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में वस्तुनिष्ठता अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यदि कोई पत्रकार खबर लिखते समय व्यक्तिगत राय मिलाता है, तो वह खबर पक्षपाती हो जाती है। वहीं, यदि वह केवल प्रमाणों और तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग करता है, तो वह वस्तुनिष्ठ मानी जाती है।
वस्तुनिष्ठता के लाभ:
यह निष्पक्षता को बढ़ावा देती है।
समाज में न्याय और भरोसा कायम करती है।
विवादों को कम करती है और तर्कसंगत निर्णय में मदद करती है।
वस्तुनिष्ठता का अभ्यास कैसे करें:
सभी पक्षों की जानकारी लें।
व्यक्तिगत भावना को अलग रखें।
प्रमाण और तथ्य पर भरोसा करें।
निष्कर्षतः, वस्तुनिष्ठता एक ऐसा गुण है जो न केवल व्यक्तिगत निर्णयों को बेहतर बनाता है, बल्कि सामाजिक और पेशेवर जीवन में भी ईमानदारी, विश्वसनीयता और पारदर्शि
ता सुनिश्चित करता है।
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